PM Modi ने Trinidad और Tobago की President से की मुलाकात, Bharat आने का दिया न्योता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी त्रिनिदाद और टोबैगो यात्रा के दौरान राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू से मुलाकात की। यह मुलाकात राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन स्थित राष्ट्रपति भवन में हुई। दोनों नेताओं के बीच बातचीत काफी गर्मजोशी और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई, जिसमें भारत और त्रिनिदाद के बीच गहरे और मजबूत रिश्तों की झलक साफ दिखाई दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान राष्ट्रपति कंगालू को भारत आने का आमंत्रण भी दिया। उन्होंने कहा कि भारत और त्रिनिदाद और टोबैगो के बीच जन-जन के रिश्ते काफी पुराने और मजबूत हैं, और अब समय है कि इन संबंधों को और आगे बढ़ाया जाए।

प्रधानमंत्री ने बातचीत के दौरान ग्लोबल साउथ यानी विकासशील देशों के साथ मिलकर काम करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ-साथ कैरीकॉम (CARICOM) देशों के लिए भारत के लगातार सहयोग का भरोसा दिलाया।

पीएम मोदी ने राष्ट्रपति द्वारा दिए गए सम्मान और आतिथ्य के लिए आभार जताया। खासतौर पर उन्होंने ‘Order of the Republic of Trinidad and Tobago’ जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान को स्वीकार करते हुए कहा कि ये केवल उनका नहीं, बल्कि भारत के 1.4 अरब नागरिकों का सम्मान है।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति कंगालू को प्रवासी भारतीय सम्मान मिलने पर भी बधाई दी और उनके सामाजिक कार्यों व पब्लिक सर्विस के लिए तारीफ की। वहीं, राष्ट्रपति कंगालू ने प्रधानमंत्री मोदी की लीडरशिप और विजन की प्रशंसा की।

दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और त्रिनिदाद के बीच न सिर्फ सरकारी स्तर पर, बल्कि आम लोगों के बीच भी गहरे रिश्ते हैं, जिन्हें और मजबूत किया जाना चाहिए।

मुख्य बातें संक्षेप में:

  • पीएम मोदी और राष्ट्रपति कंगालू के बीच दोस्ताना मुलाकात
  • भारत आने का दिया निमंत्रण
  • ‘Order of the Republic of Trinidad and Tobago’ से पीएम मोदी को सम्मानित किया गया
  • ग्लोबल साउथ और कैरीकॉम देशों के साथ सहयोग पर चर्चा
  • जन-जन के रिश्ते मजबूत करने पर जोर
  • राष्ट्रपति कंगालू को प्रवासी भारतीय सम्मान पर बधाई

यह दौरा भारत और कैरिबियाई देशों के साथ रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे न सिर्फ दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की भूमिका और प्रभाव को मजबूती मिलेगी।