पंजाब की राजनीति के बड़े चेहरे और शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। उन्हें आमदनी से ज्यादा संपत्ति (Disproportionate Assets) के केस में 11 दिन की पुलिस रिमांड के बाद फिर से मोहाली कोर्ट में पेश किया गया।
कोर्ट का बड़ा फैसला
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आदेश दिया कि बिक्रम मजीठिया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेजा जाए। अब उन्हें नाभा जेल में रखा जाएगा। यानी मजीठिया अब आगे की जांच के दौरान जेल में ही रहेंगे।
कई राज्यों में चल रही है जांच
जांच एजेंसियों का कहना है कि मजीठिया की कई संपत्तियां जो उनकी आमदनी से कहीं ज्यादा हैं, उनकी जांच अलग-अलग राज्यों में चल रही है। एजेंसियों को शक है कि मजीठिया के पास कई गुप्त संपत्तियां और इनकम के सोर्स हैं, जो उन्होंने रजिस्टर नहीं करवाए।
नए सबूत भी सामने आए
इस केस में जांच एजेंसियों ने कुछ नए सबूत भी इकट्ठे किए हैं। माना जा रहा है कि जेल में रहने के दौरान भी पूछताछ और जांच जारी रहेगी। इन नए सबूतों से मजीठिया की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
अगली सुनवाई 19 जून को
कोर्ट ने इस पूरे मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 जून तय की है। तब तक मजीठिया न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे।
क्या है पूरा मामला?
बिक्रम मजीठिया पर आरोप है कि उन्होंने अपनी आमदनी से कहीं ज़्यादा संपत्ति बना रखी है। सरकारी रिकॉर्ड्स में जितनी इनकम दिखाई गई है, उसके मुकाबले उनकी प्रॉपर्टी और बिज़नेस इनवेस्टमेंट काफी ज्यादा हैं। इसी को लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया और उन्हें अरेस्ट किया गया था।
यह मामला पंजाब की राजनीति में बड़ा भूचाल लेकर आया है, क्योंकि मजीठिया ना सिर्फ शिरोमणि अकाली दल के बड़े नेता हैं, बल्कि कई बार मंत्री भी रह चुके हैं। इस केस के असर का असर आने वाले चुनावों पर भी पड़ सकता है।