हिसार जिले में लगातार तीन दिन से हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश के चलते 33 केवी के तीन सब स्टेशन – भिवानी रोहिल्ला-बुड़ाक, आर्य नगर-बरवाला और भाटला – तीन-तीन फुट पानी में डूब गए। इसके कारण 65 से ज्यादा गांवों की बिजली 12 घंटे से अधिक समय तक गुल रही।
करीब 1.5 लाख ग्रामीण अंधेरे और परेशानी में फंसे रहे।
बिजली सप्लाई पर सबसे बड़ा असर
बिजली निगम की एसई फातिमा नक़वी ने बताया कि लगातार बारिश से कई सब-डिवीज़न में पानी भर गया।
- आर्य नगर सब स्टेशन – यहां करीब 3.5 फुट पानी भर गया और 20 गांवों में 10 घंटे से बिजली ठप रही।
- बरवाला सब स्टेशन – बारिश से B&R विभाग की 50 फुट लंबी दीवार टूट गई, जिससे पानी सीधे सब स्टेशन तक पहुंच गया। यहां भी तीन-तीन फुट पानी भरने से बिजली सप्लाई बंद हो गई।
- भिवानी रोहिल्ला और बुड़ाक सब स्टेशन – 72 घंटे से ज्यादा बीत चुके हैं लेकिन अभी तक यहां पानी नहीं निकाला जा सका। इनसे जुड़े गांवों को फिलहाल आदमपुर बिजली घर से सप्लाई दी जा रही है, जिससे वहां भी लोड बढ़ने पर बार-बार कट लग रहे हैं।
प्रभावित गांव
आर्य नगर, धीरणवास, लुदास, चौधरीवास, रावतखेड़ा, टोकस, पातन, चिडौद, हिंदवान, शाहपुर, मात्रश्याम, न्यौलीकलां, बांडाहेड़ी, सीसवाला, डोभी, खारिया, बुड़ाक, बालसमंद समेत कई गांवों में लोग बिजली संकट से जूझ रहे हैं।
नहरें टूटीं, खेत जलमग्न
लगातार बारिश से 5 नहरें और ड्रेन टूट गईं।
- टोकस-पातन, मात्रश्याम, दौलतपुर, न्यौलीकलां, शाहपुर और लुदास के पास की नहरें टूटने से सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न हो गए।
- इन गांवों में करीब 100 से ज्यादा लोग घरों में पानी घुसने की वजह से मकान छोड़कर सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट होने को मजबूर हुए।
इलेक्ट्रिक बसों पर भी असर
रोडवेज वर्कशॉप में 1 से 1.5 फुट तक पानी भर गया, जिसकी वजह से इलेक्ट्रिक बसें पूरी तरह बंद कर दी गईं।
- इस महीने में पहले भी 4 बार बारिश के कारण इलेक्ट्रिक बसों के फेरे मिस हो चुके हैं।
प्रशासन और बिजली विभाग अलर्ट
जैसे ही हालात बिगड़े, बिजली निगम और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं। एसई एफआर नक़वी और एक्सईएन विनीत पातड़ ने टीमों को पानी निकासी और मरम्मत के निर्देश दिए।
बरवाला सब स्टेशन में दीवार टूटी तो देर रात तक उसे ठीक करवाया गया। हालांकि, भिवानी रोहिल्ला और बुड़ाक सब स्टेशनों की हालत अब भी खराब है।
कुल मिलाकर, हिसार में लगातार हो रही बारिश से बिजली व्यवस्था, खेती, और ट्रांसपोर्ट सिस्टम तीनों पर गहरा असर पड़ा है। लोग अंधेरे और पानी भराव की समस्या से जूझ रहे हैं, वहीं प्रशासन हालात को संभालने में जुटा हुआ है।