पंजाब में बाढ़ का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। हजारों लोग प्रभावित हैं, खेत-खलिहान बर्बाद हो चुके हैं और किसानों के सामने दोहरी मुसीबत खड़ी हो गई है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार, 8 सितंबर को दोपहर 12 बजे कैबिनेट मीटिंग बुलाई है। खास बात यह है कि सीएम खुद अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद इस मीटिंग में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री मान फिलहाल मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। शुक्रवार शाम को उन्हें बेहद थकान (exhaustion) और हार्ट रेट कम होने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी है। इसी कारण शुक्रवार शाम को होने वाली पिछली कैबिनेट मीटिंग कैंसिल कर दी गई थी। लेकिन बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए सीएम ने अस्पताल से ही मीटिंग करने का फैसला लिया।
बाढ़ की स्थिति बेहद खराब
पंजाब के कई जिलों में बाढ़ से हालात बिगड़ चुके हैं।
- अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है।
- 22,854 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं।
- करीब 1.74 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद हो गई है।
- कई गांवों में खेतों में रेत और गाद की मोटी परत जम गई है।
सरकारी और स्थानीय प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य (relief & rescue operations) चला रहा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें लोगों को सुरक्षित निकालने और जरूरी सामान पहुंचाने में लगी हुई हैं।
मीटिंग का मुख्य एजेंडा
इस कैबिनेट मीटिंग में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी, जिनमें मुख्य फोकस बाढ़ राहत और किसानों की समस्याओं पर रहेगा।
- राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा – बाढ़ प्रभावित इलाकों में अब तक हुए रेस्क्यू ऑपरेशन की रिपोर्ट पेश होगी।
- फसलों और जमीन के नुकसान का आंकलन – यह तय किया जाएगा कि किसानों को कैसे मुआवजा दिया जाएगा।
- रेत पॉलिसी पर बड़ा फैसला –
- बाढ़ के बाद खेतों में भारी मात्रा में रेत जमा हो गई है।
- किसान चाहते हैं कि उन्हें अपने खेतों की रेत निकालकर बेचने की इजाजत दी जाए।
- यह नीति किसानों के लिए राहत का बड़ा कदम हो सकती है।
- इसे “जिसका खेत, उसकी रेत पॉलिसी” कहा जा सकता है।
- भविष्य की तैयारी – आने वाले समय में बाढ़ जैसी आपदाओं से बचाव के लिए प्लान तैयार करना।
सीएम अस्पताल से ही लेंगे फैसले
सीएम भगवंत मान की तबीयत ठीक नहीं होने के बावजूद उन्होंने यह मीटिंग बुलाने का फैसला किया। वह अस्पताल के बेड से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मीटिंग में शामिल होंगे। यह दिखाता है कि वह मौजूदा हालात को लेकर कितने गंभीर हैं।
किसानों के लिए राहत की उम्मीद
पंजाब में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर किसानों पर पड़ा है।
- बाढ़ का पानी उतरने के बाद खेतों में मोटी परत में रेत और गाद जमा हो गई है।
- किसान चाहते हैं कि उन्हें यह रेत हटाने और बेचने की अनुमति मिले ताकि नुकसान की भरपाई हो सके।
- सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है।
यदि इस पॉलिसी को मंजूरी मिलती है, तो किसानों को दोहरा फायदा होगा —
- उनके खेत साफ होंगे और खेती फिर से शुरू हो सकेगी।
- रेत बेचकर उन्हें आर्थिक मदद मिलेगी।
सोमवार की कैबिनेट मीटिंग पंजाब के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।
- इसमें बाढ़ राहत कार्यों की पूरी समीक्षा होगी।
- किसानों को खेत की रेत बेचने की अनुमति देने पर बड़ा फैसला हो सकता है।
- सीएम भगवंत मान अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद राज्य की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
यह मीटिंग राज्य में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत और भविष्य की योजनाओं की दिशा तय करेगी।