Election Commission पूरे Country में Implement करेगा ‘SIR’, 10 September को होगी Preparatory Meeting

चुनाव आयोग अब बिहार में सफलतापूर्वक चलाए गए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)’ को पूरे देश में लागू करने जा रहा है। इसका मकसद देशभर की मतदाता सूची को अपडेट, सटीक और विश्वसनीय बनाना है। इसके लिए आयोग ने 10 सितंबर को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) की बैठक बुलाई है।

SIR क्या है और क्यों जरूरी है?

SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन, एक विशेष अभियान है जिसमें मतदाता सूची में से मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित, डुप्लिकेट या गैर-नागरिक मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य नागरिक वोटिंग से न छूटे और कोई अयोग्य मतदाता सूची में शामिल न हो।

बीते समय में बिहार में इस प्रक्रिया को लेकर कुछ विपक्षी दलों ने सवाल उठाए थे। उनका आरोप था कि यह कवायद राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि यह उसकी संवैधानिक जिम्मेदारी है और अब इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।

देशव्यापी SIR प्रक्रिया कैसे होगी?

  1. जनगणना (Enumeration):
    • बूथ-लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं से जानकारी लेंगे।
    • सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मतदाताओं को हस्ताक्षरित फॉर्म (enumeration form) भरना होगा।
    • आयोग बताएगा कि किन लोगों को सहायक दस्तावेज जमा करने की जरूरत होगी।
  2. प्रारूप सूची का प्रकाशन:
    • जनगणना के बाद एक मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
  3. दावे और आपत्तियां:
    • मतदाताओं को इस मसौदे में सुधार या बदलाव के लिए एक महीने का समय मिलेगा।
  4. अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन:
    • सभी दावों और आपत्तियों को निपटाने के बाद जनवरी 2026 की शुरुआत में अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी।

चुनाव आयोग की तैयारी

10 सितंबर को होने वाली बैठक में आयोग और सभी CEO मिलकर इस अभियान की रूपरेखा तय करेंगे।
इसमें चर्चा होगी:

  • मतदान केंद्रों की तार्किक व्यवस्था
  • चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षण
  • देशभर में SIR प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना

चुनाव आयोग का मानना है कि इस कदम से मतदाता सूची में विश्वास और साफ-सुथरी जानकारी सुनिश्चित होगी, जो एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बेहद जरूरी है।

मुख्य उद्देश्य:

  • देशभर की मतदाता सूची को सटीक और अपडेट करना
  • सभी योग्य नागरिकों को वोटिंग का अधिकार देना
  • लोकतंत्र में पारदर्शिता और भरोसा बढ़ाना