पंजाब में लगातार बारिश और बाढ़ ने हालात काफी बिगाड़ दिए हैं। खेत, घर, सड़कें और गांव पानी में डूब गए हैं। लोगों की ज़िंदगी बुरी तरह प्रभावित हुई है। पंजाब सरकार ने बताया कि अब तक 2.56 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 15,688 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है, जबकि 7,144 लोग राहत कैंपों में ठहरे हुए हैं।
राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार पूरी ताकत से राहत और बचाव कार्य कर रही है।
कितने लोग प्रभावित और कहां से निकाले गए?
- सबसे ज़्यादा असर गुरदासपुर जिले पर पड़ा है, जहां 1.45 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
- अमृतसर (35,000), फिरोजपुर (24,015), फाजिल्का (21,562), पठानकोट (15,053) और SAS नगर (7,000) भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
- अब तक गुरदासपुर से 5,549, फिरोजपुर से 3,321, फाजिल्का से 2,049, अमृतसर से 1,700 और पठानकोट से 1,139 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
- बाकी जिलों जैसे होशियारपुर, कपूरथला, मोगा, मानसा, बरनाला आदि से भी लोग निकाले गए हैं।
राहत कैंप और लोगों की स्थिति
- पूरे राज्य में 129 राहत कैंप लगाए गए हैं।
- इनमें सबसे ज्यादा कैंप गुरदासपुर (25), पटियाला (20), होशियारपुर (20) और अमृतसर (16) में हैं।
- कैंपों में फिलहाल 7,144 लोग रह रहे हैं।
- इनमें सबसे ज्यादा फिरोजपुर (3,987), फाजिल्का (1,201), होशियारपुर (478), पठानकोट (411) और गुरदासपुर (424) शामिल हैं।
कैंपों में लोगों को खाना, दवाइयां और बेसिक सुविधाएं दी जा रही हैं।
मौतें और लापता लोग
बाढ़ ने अब तक 29 लोगों की जान ले ली है।
- सबसे ज्यादा मौतें पठानकोट (6) में हुई हैं।
- अमृतसर, बरनाला, होशियारपुर, लुधियाना और मानसा में 3-3 मौतें हुईं।
- रूपनगर में भी 3 मौतें हुईं।
- बठिंडा, पटियाला, SAS नगर और संगरूर में 1-1 व्यक्ति की जान गई।
इसके अलावा पठानकोट जिले में 3 लोग अभी भी लापता हैं।
किसानों और फसलों का बड़ा नुकसान
बाढ़ का सबसे ज्यादा असर खेती पर पड़ा है।
- 94,061 हेक्टेयर जमीन फसलों के साथ प्रभावित हुई है।
- सबसे ज्यादा नुकसान अमृतसर (23,000 हेक्टेयर), मानसा (17,005), कपूरथला (14,934), तरन तारन (11,883) और फिरोजपुर (11,232) जिलों में हुआ है।
- कई अन्य जिलों जैसे पटियाला, जालंधर, मोगा, लुधियाना, बठिंडा और मुक्तसर साहिब में भी फसलें डूब गई हैं।
बचाव और राहत कार्य
- राज्य में NDRF की 20 टीमें तैनात हैं।
- आर्मी, एयरफोर्स और नेवी की 10 टुकड़ियां बचाव कार्य कर रही हैं, जबकि 8 रिज़र्व पर रखी गई हैं।
- 35 हेलीकॉप्टर भी राहत कार्यों के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं।
- BSF और इंजीनियर टीमें भी मदद में लगी हैं।
- इसके अलावा राज्य सरकार ने 114 नावें और 1 हेलीकॉप्टर राहत कार्यों के लिए लगाए हैं।
सरकार की अपील
राजस्व मंत्री ने कहा कि हालात कठिन हैं लेकिन सरकार ने वादा किया है कि हर प्रभावित परिवार तक राहत पहुंचाई जाएगी। DC को निर्देश दिए गए हैं कि नुकसान का जल्दी आकलन करें, ताकि मुआवज़ा समय पर दिया जा सके।
कुल मिलाकर, पंजाब में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और लाखों प्रभावित हैं। लेकिन सरकार, सेना और अन्य एजेंसियां युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य कर रही हैं।