Punjab में बाढ़ का कहर: 3.54 Lakh से ज्यादा लोग प्रभावित, 30 की मौत, 1.48 Lakh Hectares Crops Destroyed

पंजाब इस समय हाल के दशकों की सबसे बड़ी बाढ़ से जूझ रहा है। राज्य के 23 ज़िले बाढ़ की चपेट में हैं। पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि अब तक 3.54 लाख से अधिक लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जबकि 30 लोगों की जान जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में राज्य सरकार लगातार राहत और बचाव कार्य कर रही है। बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकालने, उन्हें राहत शिविरों में ठहराने और उनकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सभी विभाग पूरी तरह सक्रिय हैं।

20 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया

मुंडियां ने बताया कि अब तक 19,597 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है।

  • गुरदासपुर – 5,581
  • फिरोज़पुर – 3,432
  • अमृतसर – 2,734
  • फ़ाज़िल्का – 2,422
  • होशियारपुर – 1,615
  • कपूरथला – 1,428
  • पठानकोट – 1,139
  • अन्य ज़िलों जैसे बरनाला, जालंधर, रूपनगर, मानसा, मोगा और तरन तारन से भी कई लोगों को सुरक्षित निकाला गया।

174 राहत शिविरों में 5,167 लोग ठहरे

पंजाब में बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए 174 राहत शिविर बनाए गए हैं। इन शिविरों में लोगों को रहने, खाने-पीने और अन्य ज़रूरी सुविधाएं दी जा रही हैं।

  • बरनाला – 29 शिविर
  • पटियाला – 26
  • गुरदासपुर – 25
  • होशियारपुर – 20
  • अमृतसर – 16
  • पठानकोट – 14
  • फ़ाज़िल्का – 10
  • मोगा – 9
  • अन्य ज़िलों में 1-8 शिविर स्थापित किए गए हैं।

इस समय इन राहत शिविरों में कुल 5,167 लोग रह रहे हैं। इनमें सबसे ज़्यादा

  • फ़ाज़िल्का – 1,304
  • होशियारपुर – 1,041
  • फिरोज़पुर – 706
  • गुरदासपुर – 424
  • अमृतसर – 371
    लोग शामिल हैं।

1400 गांव प्रभावित

राज्य के 1,400 गांव पूरी तरह या आंशिक रूप से बाढ़ की चपेट में हैं।

  • गुरदासपुर – 324
  • अमृतसर – 135
  • होशियारपुर – 119
  • कपूरथला – 115
  • मानसा – 108
  • फिरोज़पुर – 93
  • पठानकोट – 82
  • फ़ाज़िल्का – 72
  • अन्य ज़िलों जैसे जालंधर, मोगा, रूपनगर, बरनाला, लुधियाना आदि में भी कई गांव प्रभावित हैं।

किसानों को भारी नुकसान

बाढ़ की वजह से 1,48,590 हेक्टेयर फसल क्षेत्र पूरी तरह बर्बाद हो गया है।

  • गुरदासपुर – 40,193 हेक्टेयर
  • मानसा – 27,291
  • अमृतसर – 23,000
  • कपूरथला – 14,934
  • फिरोज़पुर – 14,665
  • तरन तारन – 11,883
    अन्य ज़िलों जैसे होशियारपुर, जालंधर, पठानकोट, पटियाला और मोगा में भी फसलों को भारी नुकसान हुआ है।

सुरक्षा बलों की तैनाती

राहत कार्यों को तेज़ करने के लिए 23 NDRF टीमें तैनात की गई हैं।

  • गुरदासपुर – 6 टीमें
  • अमृतसर – 6
  • फिरोज़पुर – 3
  • फ़ाज़िल्का – 3
  • बठिंडा – 1
  • जालंधर – 2
  • पठानकोट – 1
  • रूपनगर – 1

इसके अलावा सेना, वायुसेना और नौसेना की 12 टीमें राहत कार्यों में लगी हैं, जबकि 8 टीमें रिज़र्व में रखी गई हैं। लगभग 35 हेलीकॉप्टर, 114 नावें और राज्य का एक हेलीकॉप्टर लगातार बचाव और राहत कार्यों में लगे हैं। BSF भी सीमा वाले ज़िलों में ज़मीनी स्तर पर मदद कर रही है।

30 मौतें, 3 लोग लापता

1 अगस्त से 2 सितंबर तक बाढ़ के कारण 30 लोगों की मौत हो चुकी है।

  • सबसे ज्यादा 6 मौतें पठानकोट में हुई हैं।
  • वहीं, पठानकोट के 3 लोग अभी भी लापता हैं।

मुंडियां ने कहा कि पानी कम होने के बाद गांवों का हालात का और विस्तृत आकलन किया जाएगा। अभी के शुरुआती आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि फसलों, पशुओं और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है।

सरकार का आश्वासन

राज्य सरकार ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि हर प्रभावित व्यक्ति को मदद दी जाएगी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

हरदीप सिंह मुंडियां ने कहा कि सरकार का मकसद है कि कोई भी परिवार बेघर या बेसहारा न रहे और किसानों को उनके नुकसान की भरपाई जल्द से जल्द दी जाए।