अमेरिका की टेक इंडस्ट्री में इन दिनों एक भारतीय इंजीनियर की चर्चा जोरों पर है। नाम है सोहम पारेख (Soham Parekh), जिन पर एक साथ कई स्टार्टअप्स में फुल-टाइम नौकरी करने और कंपनियों को धोखे में रखने का आरोप है। ये मामला remote work culture और moonlighting (एक साथ कई नौकरियां करना) को लेकर सोशल मीडिया पर बहस का बड़ा मुद्दा बन चुका है।
कौन है सोहम पारेख?
सोहम पारेख एक भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं जिन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में ग्रैजुएशन किया (2020) और फिर Georgia Tech से Masters in Computer Science किया (2022)। बताया जा रहा है कि उनका GPA 9.83/10 था, जिसने उनकी प्रोफाइल को बेहद स्ट्रॉन्ग बना दिया।
इन्हीं qualifications और बेहतरीन इंटरव्यू स्किल्स के दम पर उन्होंने अमेरिका की कई हाई-प्रोफाइल स्टार्टअप्स में नौकरियां हासिल कीं। लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या उनके रेज़्यूमे में दी गई जानकारी सही थी?
क्या आरोप हैं?
सोहम पर आरोप है कि उन्होंने एक ही समय पर 3 से 4 स्टार्टअप्स में फुल-टाइम नौकरी की, वो भी बिना किसी को बताए। उन्होंने कंपनियों को बताया नहीं कि वो कहीं और भी काम कर रहे हैं।
Suhail Doshi, जो Playground AI के फाउंडर हैं, सबसे पहले इस मामले को सामने लाए। उन्होंने पब्लिकली ट्विटर/X पर सोहम की हरकतों के बारे में बताया और सबूत के तौर पर उनके रेज़्यूमे के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए।
किन कंपनियों में किया काम?
सोहम ने जिन कंपनियों में काम किया या करने का दावा किया उनमें शामिल हैं:
- Dynamo AI (2024 से अब तक)
- Union.ai (2023–2024)
- Synthesia (2021–2022)
- Alan AI (2021)
- GitHub (Open Source Fellow, 2020)
- इसके अलावा Antimetal, Fleet AI और Mosaic जैसी कंपनियों से भी उनका नाम जुड़ा है।
इंटरव्यू में थे बहुत स्मार्ट
जिन लोगों ने उन्हें काम पर रखा, उनका कहना है कि सोहम इंटरव्यू में बेहद इंप्रेसिव थे। एक व्यक्ति ने कहा, “जब वो काम करते थे तो सच में कमाल करते थे। एक टास्क जो औरों को 3 घंटे लगता, वो 1 घंटे में खत्म कर देते।”
पर असलियत धीरे-धीरे सामने आई
Playground AI के फाउंडर सुहैल ने जब यह बात शेयर की, तो और भी स्टार्टअप फाउंडर्स सामने आए।
- Flo Crivello (CEO, Lindy): “इंटरव्यू में बहुत अच्छा किया, लेकिन एक हफ्ते बाद ही छोड़ना पड़ा।”
- Nicolai Ouporov (Fleet AI): “वो एक साथ 4 से ज़्यादा स्टार्टअप्स में काम कर रहे थे।”
- Matthew Parkhurst (CEO, Antimetal): “वो बहुत स्मार्ट और पसंद आने वाले इंसान थे, लेकिन काम पर फोकस नहीं था।”
- Michelle Lim (Warp): “हमने जैसे ही उनके बारे में पढ़ा, वर्क ट्रायल कैंसिल कर दिया।”
सोहम का रिएक्शन?
सोहम ने अभी तक कोई पब्लिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सुहैल ने एक प्राइवेट मैसेज शेयर किया जिसमें सोहम ने लिखा,
“क्या मैंने अपना करियर पूरी तरह से खराब कर लिया है? क्या मैं अब कुछ सुधार सकता हूँ? मैं सच बताने के लिए भी तैयार हूँ।”
सिर्फ सोहम ही नहीं, ये एक बड़ी समस्या?
Investor Deedy Das ने कहा कि सोहम सिर्फ “tip of the iceberg” हैं यानी ऐसा करने वाले और भी हजारों लोग हो सकते हैं।
कुछ लोग माउस जिगलिंग टूल्स, फर्जी मीटिंग्स, कैमरा ऑफ करके बैठना, और काम दूसरों को आउटसोर्स करने जैसी तरकीबों से कई नौकरियां निभा रहे हैं। Reddit पर एक यूज़र ने दावा किया कि वो 5 नौकरियों से $800,000 कमा रहा है।
अब क्या बदलेगा?
ये मामला टेक इंडस्ट्री के लिए wake-up call बन गया है। अब कंपनियां रिमोट वर्क करने वालों की स्क्रीनिंग ज्यादा सख्ती से करेंगी और इंटरनल सिस्टम्स को मजबूत करेंगी ताकि ऐसी धोखाधड़ी रोकी जा सके।
सोहम पारेख का मामला भले ही एक व्यक्ति का हो, लेकिन इसने रिमोट वर्क और ट्रस्ट की नींव पर चलने वाली इंडस्ट्री को झकझोर कर रख दिया है। अब सवाल ये है — क्या ये सिर्फ शुरुआत है, या आगे और बड़े खुलासे होंगे?