उत्तराखंड के चार जिलों—टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली—में भारी बारिश के चलते भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। इसको देखते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) ने 7 और 8 जुलाई के लिए इन जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
यह चेतावनी भारतीय मौसम विभाग (IMD) और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की भविष्यवाणी के आधार पर दी गई है, जिसमें इन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इसके चलते पहाड़ों में ढलानें खिसकने (slope failure) और सड़कें बंद होने की आशंका जताई जा रही है।
इन इलाकों में खतरे की आशंका
चेतावनी में बताया गया है कि चमोली, रुद्रप्रयाग, उखीमठ, घनसाली, नरेंद्रनगर, धनोल्टी, डुंडा और चिन्यालीसौड़ जैसे उपमंडलों में भूस्खलन हो सकता है।
प्रशासन ने उठाए कड़े कदम
SEOC ने सभी जिलाधिकारियों और आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे सतर्कता के सख्त उपाय लागू करें। इनमें शामिल हैं:
- सभी प्रशासनिक स्तर पर हाई अलर्ट की स्थिति बनाए रखना
- वाहनों की आवाजाही नियंत्रित करना
- तुरंत रेस्क्यू और राहत टीमों को तैनात करना
- सभी इंसिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम (IRS) के नोडल अधिकारियों को तैयार रहने को कहा गया है
ज़रूरी सेवाओं की व्यवस्था
- राष्ट्रीय राजमार्ग (NH), प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना या किसी भी सड़क पर यदि मलबा आता है तो तुरंत साफ करने के निर्देश दिए गए हैं
- गांवों और कस्बों के अधिकारी, जैसे पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत सचिव अपने क्षेत्रों में मौजूद रहें
- पुलिस चौकी और थाने आपदा से निपटने के उपकरण और wireless communication systems से लैस रहें
ज़रूरी सामान साथ रखने की सलाह
सभी अधिकारियों को कहा गया है कि वे अपनी गाड़ियों में raincoat, torch, helmet, और emergency kit ज़रूर रखें। इन दिनों में सरकारी कर्मचारी अपने मोबाइल स्विच ऑफ नहीं करेंगे।
स्कूलों और पर्यटकों के लिए निर्देश
- स्कूलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके
- हाई हिमालयन इलाकों में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है
- तेज़ बारिश के समय, वाहन और पैदल आवाजाही पूरी तरह से बंद रखने को कहा गया है
मीडिया के ज़रिए जागरूकता
सभी जिला सूचना अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रिंट और विज़ुअल मीडिया के ज़रिए आम जनता तक यह चेतावनी पहुंचाएं और लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील करें।
इमरजेंसी की तैयारी
जहां भी भूस्खलन की संभावना है, वहां चेतावनी बोर्ड, earthmovers और excavators जैसी भारी मशीनें तैनात रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी आपदा से जुड़ी जानकारी को तुरंत राज्य कंट्रोल रूम तक पहुंचाने को कहा गया है।
सारांश:
उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते चार जिलों में भूस्खलन की आशंका गहराई है। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है और लोगों से अपील की जा रही है कि वे सतर्क रहें, अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें।
अगर आप प्रभावित इलाकों में हैं, तो सरकारी अपडेट्स पर ध्यान दें और किसी भी आपातकाल में नज़दीकी अधिकारियों से संपर्क करें।