पंजाब इस वक्त भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। हालात इतने खराब हैं कि हजारों लोग अपने घरों को छोड़ने को मजबूर हो गए हैं और लाखों हेक्टेयर खेत पानी में डूब चुके हैं। बारिश और बाढ़ ने पूरे राज्य में तबाही मचा दी है। सबसे ज्यादा असर गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन और फिरोजपुर जिलों में देखने को मिल रहा है।
अगस्त से शुरू हुई भारी बारिश ने पिछले 25 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बाढ़ की ये स्थिति इतनी खतरनाक है कि इसे 1988 की ऐतिहासिक बाढ़ से भी ज्यादा विनाशकारी बताया जा रहा है। 1988 में करीब 75% फसलें बर्बाद हो गई थीं और अब हालात उससे भी गंभीर नजर आ रहे हैं।
गांव के गांव जलमग्न, लोगों की जिंदगी संकट में
- इस बाढ़ में अब तक 1,000 से ज्यादा गांव डूब चुके हैं।
- 61,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पूरी तरह पानी में समा गई है।
- गुरदासपुर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है।
- कई गांवों में हालात इतने खराब हैं कि लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
- सड़कें पानी में डूब जाने के कारण गाड़ियां नहीं चल पा रहीं, जिससे राहत सामग्री पहुंचाना बेहद मुश्किल हो गया है।
- अजनाला (अमृतसर) में सक्की नाले में फंसे लोगों को नावों के जरिए बचाया जा रहा है।
लोग पानी से होकर निकलने को मजबूर हैं। कुछ जगहों पर तो हालात इतने खतरनाक हैं कि बोट ही लोगों के आने-जाने का एकमात्र साधन बन गई है।
गवर्नर गुलाब चंद कटारिया का बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा
बढ़ते संकट को देखते हुए पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया ने आज बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
- उन्होंने राहत कैंप और हुसैनीवाला हेड का निरीक्षण किया।
- गवर्नर ने राहत कैंपों में मौजूद लोगों से सीधे मुलाकात कर उनकी परेशानियां सुनीं।
- प्रभावित लोगों ने बताया कि कच्ची जमीन होने के कारण उन्हें मुआवजा नहीं मिल पा रहा, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
इस पर गवर्नर ने कहा कि वह इस मुद्दे को मुख्यमंत्री भगवंत मान के सामने उठाएंगे ताकि हर प्रभावित परिवार को उचित मदद मिल सके।
गवर्नर का बड़ा बयान
गवर्नर ने दौरे के दौरान कहा कि जब भी डैम से पानी छोड़ा जाए, तो प्रशासन को इसकी तुरंत सूचना देनी चाहिए, ताकि प्रभावित इलाकों के लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर निकाला जा सके।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि:
- वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे ताकि राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके।
- उनकी ग्रह मंत्री से भी बात हुई है, जिन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
- कच्ची जमीन वालों को भी मुआवजा देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
राहत और बचाव अभियान में तेजी
पंजाब सरकार, केंद्र सरकार और प्रशासनिक टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
- NDRF, SDRF और सेना की टीमें प्रभावित इलाकों में तैनात हैं।
- 174 से ज्यादा राहत कैंप चल रहे हैं, जहां लोगों को रहने, खाने और स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा दी जा रही है।
- अब तक 20,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
- करीब 5,167 लोग इन राहत कैंपों में शरण लिए हुए हैं।
पंजाब सरकार का कदम – 71 करोड़ रुपये की मदद जारी
बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए पंजाब सरकार ने 71 करोड़ रुपये की राशि जारी की है।
- पहले चरण में 35.50 करोड़ रुपये जारी किए गए थे।
- अब अतिरिक्त 35.50 करोड़ रुपये और दिए गए हैं।
- यह राशि उन 12 जिलों को दी जाएगी, जो बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
- सरकार का कहना है कि यह पैसा तुरंत राहत और पुनर्वास कार्यों में लगाया जाएगा।
लोगों की उम्मीदें और प्रशासन की चुनौती
बाढ़ प्रभावित लोग अब सरकार और प्रशासन की मदद पर ही निर्भर हैं।
- कई गांवों में बिजली और पीने के पानी की सप्लाई ठप हो गई है।
- बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।
- किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं क्योंकि उनकी पूरी फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो गई है।
गवर्नर गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच होने वाली बातचीत से लोगों को राहत की उम्मीद है। अब देखना यह होगा कि सरकार किस तरह जल्द से जल्द बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा और मदद पहुंचाती है।
पंजाब की मौजूदा स्थिति बेहद गंभीर है। भारी बारिश और बाढ़ ने राज्य की तस्वीर ही बदल दी है। सरकार और प्रशासन पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी भी हजारों लोग राहत की आस लगाए हुए हैं। आने वाले दिनों में मौसम और राहत कार्यों की गति ही यह तय करेगी कि पंजाब कितनी जल्दी इस त्रासदी से उबर पाएगा।