पंजाब में बाढ़ का संकट लगातार गहराता जा रहा है। पिछले 24 घंटों में हालात और बिगड़ गए हैं। बाढ़ का पानी कई नए इलाकों में फैल गया है, जिससे गांवों, फसलों और लोगों की ज़िंदगी पर बड़ा असर पड़ा है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं, लेकिन अब भी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
नए गांव और आबादी बाढ़ की चपेट में
राज्य के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने जानकारी दी कि पिछले 24 घंटों में 48 और गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
- इन गांवों में 2,691 लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं।
- 2,131 हेक्टेयर में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं।
अब तक पूरे पंजाब के 22 जिलों के 1,996 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, जिससे 3,87,013 लोगों की ज़िंदगी प्रभावित हुई है।
जिलेवार नए प्रभावित गांव (पिछले 24 घंटे में):
- जालंधर – 19
- लुधियाना – 13
- फिरोजपुर – 6
- अमृतसर – 5
- होशियारपुर – 4
- फाजिल्का – 1
अब तक 22,854 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
पिछले 24 घंटों में राहत टीमों ने 925 और लोगों को सुरक्षित निकाला, जिससे अब तक 22,854 लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से बाहर निकाला गया है।
सबसे अधिक लोगों को बचाने वाले जिले:
- गुरदासपुर – 5,581
- फाजिल्का – 4,202
- फिरोजपुर – 3,888
- अमृतसर – 3,260
- होशियारपुर – 1,616
- कपूरथला – 1,428
- पठानकोट – 1,139
राहत कैंपों में 6,121 लोग ठहरे
राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए राहत कैंप स्थापित किए हैं।
- इस समय 139 राहत कैंप सक्रिय हैं, जहां 6,121 लोग ठहरे हुए हैं।
- बाढ़ की शुरुआत से अब तक 219 कैंप स्थापित किए गए।
जिलेवार राहत कैंप की जानकारी:
- फाजिल्का – 14 कैंप, 2,588 लोग
- बरनाला – 49 कैंप, 527 लोग
- होशियारपुर – 4 कैंप, 921 लोग
- रूपनगर – 5 कैंप, 250 लोग
- मोगा – 3 कैंप, 155 लोग
- मानसा – 2 कैंप, 89 लोग
मौतों का आंकड़ा 46 तक पहुंचा, 3 लोग लापता
- पिछले 24 घंटों में अमृतसर और रूपनगर में 3 लोगों की मौत हुई।
- अब तक 14 जिलों में कुल 46 लोगों की जान गई।
- पठानकोट जिले में 3 लोग अब भी लापता हैं।
फसलों को भारी नुकसान
पंजाब की खेती को इस बाढ़ ने गहरा झटका दिया है।
- अब तक 1.74 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद हो चुकी है।
- सिर्फ पिछले 24 घंटों में 2,131 हेक्टेयर फसल और डूब गई।
सबसे अधिक फसल नुकसान वाले जिले:
- गुरदासपुर – 40,169 हेक्टेयर
- फाजिल्का – 18,649 हेक्टेयर
- कपूरथला – 17,574 हेक्टेयर
- फिरोजपुर – 17,257 हेक्टेयर
- तरन तारन – 12,828 हेक्टेयर
- होशियारपुर – 8,322 हेक्टेयर
- संगरूर – 6,560 हेक्टेयर
- एस.ए.एस नगर – 2,000 हेक्टेयर
राहत और बचाव में लगी टीमें
राज्य में राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं।
- एनडीआरएफ की 23 टीमें अमृतसर, फाजिल्का, गुरदासपुर, फिरोजपुर, जालंधर, होशियारपुर, पटियाला, लुधियाना, पठानकोट और रूपनगर में काम कर रही हैं।
- एसडीआरएफ की 2 टीमें कपूरथला में तैनात।
- भारतीय फौज की 27 टुकड़ियां और 7 इंजीनियर टास्क फोर्स सक्रिय।
- भारतीय वायु सेना और फौज के 9 हेलीकॉप्टर राहत सामग्री पहुंचाने और लोगों को बचाने में लगे हुए हैं।
- बीएसएफ फिरोजपुर सेक्टर में सहयोग कर रही है।
- स्टेट हेलीकॉप्टर – 1
- कश्तियां – 158
सरकार की प्राथमिकता: लोगों की सुरक्षा
मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता लोगों की जान बचाना और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन दिन-रात राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं।
उन्होंने सशस्त्र सेनाओं और सभी एजेंसियों का धन्यवाद करते हुए कहा,
“हम मिलकर इस मुश्किल घड़ी से बाहर निकलेंगे। सरकार हर प्रभावित परिवार तक मदद पहुंचाएगी और उनके पुनर्वास के लिए हर संभव कदम उठाएगी।”
पंजाब में बाढ़ से हालात बेहद गंभीर हैं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं, फसलें बर्बाद हो गई हैं और कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है। सरकार और राहत एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं, लेकिन स्थिति को सामान्य होने में समय लग सकता है।
लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें, अफवाहों पर ध्यान न दें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।