पंजाब में आई भयावह बाढ़ ने राज्य में चारों तरफ तबाही मचा दी है। लगातार हो रही भारी बारिश और पड़ोसी पहाड़ी राज्यों से पानी आने के कारण हालात और बिगड़ गए हैं। पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि यह बाढ़ पिछले 50 सालों में सबसे भयानक है। उन्होंने बताया कि अब तक 2,000 गांव पूरी तरह प्रभावित हुए हैं और 4 लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आए हैं।
बाढ़ की वजह से 14 जिलों में अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, राज्य की रीढ़ माने जाने वाले कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है। 18 जिलों में करीब 1.72 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूब गई है। इसके अलावा, हजारों घर, पशु, और सार्वजनिक ढांचा (public infrastructure) जैसे सड़कें और पुल भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। घग्गर नदी का जल स्तर 750 फीट के खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे कई इलाकों में हालात गंभीर बने हुए हैं।
बाढ़ राहत में पंजाब सरकार की त्वरित कार्रवाई
हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि पंजाब सरकार ने तुरंत और सहानुभूति के साथ बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए कदम उठाए हैं।
- अब तक 22,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
- राज्यभर में 200 राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां 7,000 से ज्यादा लोग रह रहे हैं और उन्हें भोजन व चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।
- 24 एनडीआरएफ (NDRF) और 2 एसडीआरएफ (SDRF) टीमें बचाव कार्यों में लगी हुई हैं।
- राहत कार्यों के लिए 144 नावें और 1 सरकारी हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान, कैबिनेट मंत्री, आम आदमी पार्टी के सांसद, विधायक और वरिष्ठ कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर खुद राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। सरकारी विभाग, ग्राम पंचायतें और NGOs मिलकर प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं।
राहत के लिए फंड और योगदान
- राजस्व विभाग ने राहत कार्यों के लिए 71 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
- मुख्यमंत्री राहत कोष में पूरी कैबिनेट और सभी विधायकों ने एक महीने का वेतन दान किया है।
- पंजाब के लोकसभा और राज्यसभा सांसद अपने सांसद निधि (MP Fund) से अधिकतम राशि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए दे रहे हैं।
- आबकारी और कराधान विभाग ने भी 50 लाख रुपये का योगदान किया है।
केंद्र सरकार से 60,000 करोड़ रुपये की मांग
चीमा ने कहा कि राज्य सरकार ने बाढ़ के मद्देनजर केंद्र सरकार से तुरंत मदद की गुहार लगाई है।
- 31 अगस्त को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पंजाब के 60,000 करोड़ रुपये बकाया तुरंत जारी करने की मांग की थी।
- यह राशि GST मुआवजा, RDF और MDF फंड, और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) से जुड़ी है।
- मुख्यमंत्री ने SDRF और NDRF के नियमों में संशोधन करने की भी मांग की, ताकि बाढ़ पीड़ितों को उचित मुआवजा मिल सके।
केंद्र सरकार पर आरोप और आलोचना
हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई और कई गंभीर आरोप लगाए:
- प्रधानमंत्री की चुप्पी:
- मुख्यमंत्री के पत्र को 25 दिन बीत जाने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला है।
- इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और संवेदनहीन करार दिया।
- अफगानिस्तान को मदद, पंजाब को नहीं:
- चीमा ने सवाल उठाया कि तालिबान-शासित अफगानिस्तान को भूकंप राहत के लिए सहायता भेजी जा सकती है,
लेकिन अपने ही देश के पंजाब को उसी संवेदना के साथ मदद क्यों नहीं दी जा रही।
- चीमा ने सवाल उठाया कि तालिबान-शासित अफगानिस्तान को भूकंप राहत के लिए सहायता भेजी जा सकती है,
- फोटो खिंचवाने के दौरे:
- केंद्रीय मंत्री और टीमें पंजाब आती हैं, फोटो खिंचवाती हैं,
लेकिन कोई राहत पैकेज या आर्थिक सहायता घोषित नहीं करतीं।
- केंद्रीय मंत्री और टीमें पंजाब आती हैं, फोटो खिंचवाती हैं,
- अवैध खनन का मुद्दा:
- केंद्र सरकार का यह दावा ग़लत और राजनीति से प्रेरित है कि पंजाब में बाढ़ अवैध खनन की वजह से आई।
- चीमा ने कहा कि अगर ऐसा है, तो फिर केंद्र अन्य राज्यों में आई बाढ़ के कारण क्यों नहीं बताता।
केंद्र पर संकीर्ण राजनीति का आरोप
चीमा ने कहा कि पंजाब ने देश के विकास और सुरक्षा के लिए हमेशा बलिदान दिया है, लेकिन
आज जब राज्य तबाही की घड़ी में खड़ा है, केंद्र मदद करने के बजाय
राजनीतिक खेल खेल रहा है।
उन्होंने साफ कहा कि यह समय राजनीति का नहीं बल्कि मिलकर काम करने का है,
ताकि बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाई जा सके।
जल्द होगी अंतिम रिपोर्ट
- उन्होंने बताया कि अब तक केंद्र सरकार ने राज्य से कोई डेटा नहीं मांगा है।
- राज्य सरकार पूरी तरह तैयार है, लेकिन
अंतिम नुकसान का आकलन तब ही हो पाएगा जब पानी पूरी तरह घट जाएगा।
वित्त मंत्री की अपील
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र सरकार से
तुरंत कदम उठाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि केंद्र को चाहिए कि वह:
- पंजाब के 60,000 करोड़ रुपये बकाया तुरंत जारी करे।
- बाढ़ राहत कार्यों के लिए राहत सामग्री और वित्तीय सहायता तुरंत भेजे।
- पंजाब के लोगों को इस संवेदनशील समय में निराश न करे।
यह बाढ़ न केवल पंजाब के लिए बल्कि देश के लिए भी चिंता का विषय है।
राज्य सरकार ने राहत कार्यों में पूरी ताकत झोंक दी है, लेकिन
केंद्र की सक्रिय भागीदारी और सहयोग के बिना इस संकट से
पूरी तरह बाहर निकलना मुश्किल होगा।