सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वक्फ के नाम लाखों एकड़ जमीन कब्जा की गई थी। अब जब सरकार उसे खाली करा रही है तो उसके नाम पर हिंसा की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देशभर में वक्फ के नाम पर लाखों एकड़ जमीन कब्जा की गई है। अब कार्रवाई हो रही है, तो हिंसा भड़काई जा रही है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तीन हिंदुओं की घर से खींचकर हत्या की गई। वक्फ संशोधन बिल से दलित, गरीब व वंचितों को सर्वाधिक लाभ मिलेगा। गरीब भी सरकारी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के फ्लैट में रह सकेगा। विपक्षी दलों को भय है कि ऐसा होने पर इनका वोट बैंक और गुमराह करने वाली राजनीति समाप्त हो जाएगी।
योगी रविवार को भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर सम्मान अभियान के अंतर्गत भागीदारी भवन में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बांग्लादेश का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं को राज्यसभा सांसद एवं पूर्व डीजीपी बृजलाल की पुस्तक पढ़नी चाहिए, जो आजादी के समय के दो दलित महायोद्धाओं पर है।
एक तरफ बाबा साहेब ने कहा था कि मेरा आदि और अंत भी भारतीय के रूप में रहेगा। दूसरी तरफ जोगेंद्र नाथ मंडल थे, जिन्होंने पाकिस्तान का समर्थन किया। लेकिन एक वर्ष भी पाकिस्तान में नहीं रह पाए। मंडल के कृत्यों की सजा आज भी बांग्लादेश में दलित हिंदू भुगत रहा है। कांग्रेस, सपा व ममता बनर्जी ने उनके पक्ष में आवाज नहीं उठाई, केवल भाजपा ने विरोध किया। भाजपा हर हिंदू की रक्षा को प्रतिबद्ध है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में कोई सिख, हिंदू, जैन, बौद्ध प्रताड़ित हो रहा है तो वह भारत नहीं आएगा तो कहां जाएगा। उसे नागरिकता देने के लिए ही सीएए बनाया गया, जिसका कांग्रेस और सपा विरोध करती है। ये लोग दलितों व वंचितों का अधिकार छीनते हैं। उनकी जमीन पर कब्जा करते हैं। कांग्रेस, सपा व तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें शरणार्थी के रूप में रखा, लेकिन भाजपा ने अपनाया।
इस दौरान भाजपा अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य, प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमापति राम त्रिपाठी, डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण, भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कन्नौजिया, भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अभिनव प्रकाश समेत प्रदेश सरकार के मंत्री, जनप्रतिनिधि व भाजपा पदाधिकारी मौजूद रहे।
राष्ट्रनायकों का करते हैं अपमान
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और सपा जैसे दल राष्ट्रनायकों के सम्मान के प्रति गंभीर नहीं दिखते। उन्होंने आरोप लगाया कि 2012 में सपा सरकार बनने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सामाजिक न्याय से जुड़े स्थलों को हटाकर वहां व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्थापित करने की बात कही थी। डॉ. भीमराव आंबेडकर और कांशीराम जी के नाम पर बने विश्वविद्यालयों और मेडिकल कॉलेजों का नाम तक बदल दिया गया, जो इन महापुरुषों के योगदान का अपमान है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में कुछ नेता छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में आपत्तिजनक बयान देते हैं, जबकि औरंगजेब का गौरवगान करते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि जब तीन वर्ष पूर्व ‘रन फॉर यूनिटी’ के माध्यम से देशभर में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाई जा रही थी, तब सपा प्रमुख जिन्ना की प्रशंसा कर रहे थे।
सीएम ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव के समय संविधान के नाम पर जनता को भ्रमित करने हेतु फर्जी पुस्तिकाएं बाँटी जाती हैं, जबकि उनकी सरकार ने विधानसभा और विधान परिषद के प्रत्येक सदस्य को संविधान की मूल प्रति भेंट की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली में डॉ. आंबेडकर का विधिवत अंतिम संस्कार तक नहीं होने दिया और उनके स्मारक निर्माण में भी बाधा डाली।