दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और अब हालात गंभीर होते जा रहे हैं। पानी का स्तर खतरे की सीमा को पार कर 207.48 मीटर तक पहुंच गया है। यह 1960 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर माना जा रहा है। इसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कई इलाके जलमग्न हो गए हैं और आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने का रास्ता बंद
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने बयान जारी कर बताया कि यमुना नदी का पानी यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन के आस-पास भर गया है।
- स्टेशन तक जाने वाला संपर्क मार्ग पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
- मेट्रो स्टेशन चालू है, यानी इंटरचेंज की सुविधा अभी भी उपलब्ध है।
- DMRC ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा की योजना बदलें और वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करें।
यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन ब्लू लाइन पर एक महत्वपूर्ण इंटरचेंज स्टेशन है।
- यहां से दो प्रमुख रूट निकलते हैं:
- वैशाली रूट – लक्ष्मी नगर, आनंद विहार टर्मिनल होकर वैशाली (गाजियाबाद) तक।
- नोएडा रूट – अक्षरधाम, मयूर विहार होकर नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी तक।
इन दोनों रूट्स पर रोजाना हजारों यात्री सफर करते हैं। खासतौर पर नोएडा और गाजियाबाद जाने वाले ऑफिस जाने वाले लोगों के लिए यह बड़ा झटका साबित हो रहा है।
ट्रैफिक और रेलवे पर भी बुरा असर
बढ़ते जलस्तर के कारण ट्रैफिक और रेलवे पर भी असर पड़ा है।
- सिग्नेचर ब्रिज से राजघाट तक का मार्ग पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
- लोहा पुल भी बंद है और आउटर रिंग रोड पर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है।
- रेलवे ने करीब 40 ट्रेनें रद्द कर दी हैं और कई ट्रेनों का रूट बदल दिया गया है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जरूरी काम के अलावा इन इलाकों में सफर न करें और बाहर निकलते समय पहले ट्रैफिक अपडेट जरूर देखें।
दिल्ली में बाढ़ से बिगड़े हालात
यमुना का पानी लगातार बढ़ रहा है और निचले इलाकों में घरों में घुस गया है।
- सोनिया विहार, बदरपुर गांव, मयूर विहार और यमुना बाजार जैसे इलाके बुरी तरह प्रभावित हैं।
- मयूर विहार और यमुना बाजार के लोग फ्लाईओवर के नीचे शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।
- कई लोगों का राशन और सामान पानी में बह गया है।
निगमबोध घाट पूरी तरह जलमग्न हो गया है।
- यहां पर अंतिम संस्कार की सेवाएं रोक दी गई हैं।
- शवों को दूसरे सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
राहत कार्य जारी, लोगों को शरण
दिल्ली सरकार और प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
- प्रभावित लोगों को सुरक्षित इलाकों में बने अस्थायी टेंटों और राहत शिविरों में ले जाया जा रहा है।
- इन शिविरों में खाने, पानी और दवाइयों की व्यवस्था की गई है।
- दिल्ली एमसीडी की टीमें लगातार मच्छरों को भगाने के लिए दवा का छिड़काव कर रही हैं।
हालांकि कई लोग अब भी अपने घरों में रहना पसंद कर रहे हैं, खासकर वे जिनके घर ऊंचाई वाले इलाकों में हैं।
नोएडा और गाजियाबाद में अलर्ट
यमुना नदी के खतरे के निशान को पार करने के बाद नोएडा और गाजियाबाद प्रशासन भी अलर्ट पर है।
- यहां के कई निचले इलाकों में पानी भरने का खतरा बढ़ गया है।
- प्रशासन ने लोगों को पहले से तैयार रहने और सतर्क रहने की अपील की है।
- प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू टीम तैनात की गई हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि इस हफ्ते दिल्ली-एनसीआर में और बारिश होने की संभावना है।
- यदि बारिश जारी रहती है तो यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे हालात और खराब हो सकते हैं।
- लोगों को सतर्क रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी गई है।
यात्रियों के लिए सलाह
- अगर आपको मेट्रो से नोएडा या गाजियाबाद जाना है, तो अक्षरधाम, लक्ष्मी नगर, इंद्रप्रस्थ जैसे नजदीकी स्टेशन का उपयोग करें।
- यात्रा से पहले ट्रैफिक और मेट्रो अपडेट जरूर चेक करें।
- भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचें और जलमग्न सड़कों पर सफर न करें।
- जरूरी सामान जैसे दवाइयां, पानी, पावर बैंक आदि अपने पास रखें।
दिल्ली में यमुना नदी की बाढ़ ने राजधानी की रफ्तार धीमी कर दी है।
- मेट्रो, रेलवे और सड़क मार्ग सब प्रभावित हुए हैं।
- हजारों लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं।
- प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है कि हालात जल्दी सामान्य हों, लेकिन लोगों की सतर्कता और सावधानी भी बेहद जरूरी है।
सुझाव: अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं, तो बाहर निकलने से पहले ताज़ा अपडेट्स जरूर देखें और वैकल्पिक मार्गों की जानकारी लेकर ही सफर करें।