Dhaliwal का Sareen पर पलटवार – बोले, “मेरे परिवार ने झेला है नशे का दर्द, झूठ बोलने पर करूंगा कानूनी कार्रवाई”

पंजाब में नशे के मुद्दे पर सियासत गरमाई हुई है। हाल ही में भाजपा नेता अनिल सरीन द्वारा लगाए गए आरोपों पर राज्य के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। धालीवाल ने इन आरोपों को झूठा, बेबुनियाद और साज़िशन बताया और कहा कि वह जल्द ही सरीन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहे हैं।

मंत्री धालीवाल ने प्रेस के सामने साफ कहा, भाजपा नेता ने जानबूझकर झूठ फैलाया है। मेरे खिलाफ दिए गए बयान सार्वजनिक छवि खराब करने के इरादे से दिए गए हैं। अगर उन्होंने अपना बयान वापस नहीं लिया तो मैं उन्हें लीगल नोटिस भेजूंगा।”

नशे से परिवार को खोने का दर्द

धालीवाल ने भावुक होते हुए कहा, भाजपा नेताओं को नशे का दर्द क्या पता होगा। मेरा अपना 32 साल का भतीजा 2013 में नशे की ओवरडोज़ से मर गया था। उस वक्त मैं विदेश में था, लेकिन ये खबर सुनते ही भारत लौटा और तब से यहीं रह रहा हूँ। आज भी मेरी मां उसका नाम लेकर रोती है।”

गांव की घटना पर दी सफाई

धालीवाल ने बताया कि 28 मई को उनके हलके के गांव लक्खोवाल में 6-7 लोगों को नशा करते पकड़ा गया। अगले दिन गांव वालों ने बताया कि उनमें से दो युवक सिर्फ नशा करते हैं, बेचते नहीं
मैं खुद पुलिस थाने गया और SHO से पूछा कि क्या ये लड़के बेचते हैं या सिर्फ नशा करते हैं? SHO ने अगले दिन जांच कर बताया कि वे बेचते नहीं, सिर्फ नशा करते हैं। मैंने कहा कि ऐसे युवाओं को जेल नहीं, रिहैबिलिटेशन सेंटर भेजना चाहिए। फिर दोनों को अमृतसर नशा मुक्ति केंद्र भेजा गया।”

वहीं जिन युवकों पर नशा बेचने का आरोप था, उन पर FIR दर्ज कर जेल भेजा गया। मंत्री ने उस FIR की कॉपी मीडिया को भी दिखाई और बताया कि यह जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर भी साझा की थी।

नशे के खिलाफ शुरू से लड़ाई

धालीवाल ने कहा कि जब अकाली-भाजपा सरकार के वक्त पंजाब में नशा चरम पर था, तब भी उन्होंने एडीजीपी शशिकांत के साथ मिलकर नशे के खिलाफ अपने गांव में रैली निकाली थी।

उन्होंने कहा, हमारा स्टैंड हमेशा साफ रहा है – जो नशा बेचता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, और जो नशा करता है, उसे अपराधी नहीं, मरीज माना जाएगा। CM भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने भी युद्ध नशे के विरुद्धअभियान इसी सोच के साथ शुरू किया था।”

आगे की कार्रवाई

धालीवाल ने दोहराया कि सरीन द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं, और अगर उन्होंने बयान वापस नहीं लिया तो वे उन्हें कोर्ट में ले जाएंगे।

धालीवाल की तरफ से यह बयान न केवल अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब था, बल्कि यह भी संदेश था कि नशे से जूझ रहे युवाओं के साथ इंसानियत से पेश आना चाहिए। नशे के खिलाफ सरकार की लड़ाई में भावनात्मक और सख्त दोनों पहलुओं को साथ लेकर चलने की बात धालीवाल ने साफ-साफ रखी है