Germany में ‘Operation Sindoor’ के तहत संयुक्त संदेश – Terrorism के खिलाफ भारत का अभेद्य संकल्प

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद रवि शंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सभी-पार्टी संसदीय प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को बर्लिन, जर्मनी पहुंचा। इस यात्रा का उद्देश्य भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट और दृढ़ रुख को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना है। यह दौरा भारत की वैश्विक कूटनीतिक पहल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हिस्सा है।

प्रमुख गतिविधियाँ:

  • राजनीतिक चर्चा:
    भारत के जर्मनी में राजदूत अजीत गुप्ते ने प्रतिनिधिमंडल को भारत-जर्मनी के बीच बढ़ते संबंधों और रक्षा, ऊर्जा, डिजिटल और रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग की प्रगति के बारे में जानकारी दी।
  • उच्च स्तरीय मुलाकातें:
    प्रतिनिधिमंडल ने जर्मन संसद (बुंडेस्टैग), विदेश मंत्रालय, प्रमुख थिंक टैंकों और जर्मन-भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ गहन चर्चा की। आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को यहां भरपूर समर्थन मिला।

ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य

यह यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीतिक पहल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हिस्सा है, जो आतंकवाद के प्रति – विशेष रूप से पाकिस्तान‑प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ – ‘जीरो‑टॉलरेंस’ का स्पष्ट संदेश विश्व स्तर पर पहुंचाने पर केंद्रित है।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख नेता:

  • रवि शंकर प्रसाद (भाजपा)
  • दग्गुबती पुरंदेश्वरी (भाजपा)
  • समिक भट्टाचार्य (भाजपा)
  • गुलाम अली खाताना (भाजपा)
  • प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना-UBT)
  • एम. थंबिदुरै (AIADMK)
  • अमर सिंह (कांग्रेस)
  • पूर्व मंत्री एम. जे. अकबर
  • पूर्व राजदूत पंकज सरण

 

 

अब तक क्या हुआ – प्रमुख अपडेट्स पर एक नज़र:

  • रक्षा मंत्री का बड़ा बयान:
    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई अब भी जारी है और भारत हर तरह के आतंकवाद का माकूल जवाब देगा।
  • संसद का विशेष सत्र मांग रही विपक्ष:
    कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, जिसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’, पहलगाम हमले और जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर चर्चा हो सके।
  • डेनमार्क में विरोध और प्रतिक्रिया:
    कोपेनहेगन (डेनमार्क) में कुछ पाकिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने प्रतिनिधिमंडल का विरोध किया। रवि शंकर प्रसाद ने इसे “पाकिस्तान की हताशा” बताया।
  • M.J. अकबर का बयान:
    उन्होंने पाकिस्तान के साथ डायलॉग को “भ्रम” बताया और कहा कि वे नकली भारतीय नामों से आतंक फैलाने की साजिश कर रहे हैं।
  • विपक्ष का समर्थन और मतभेद:
    कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, शशि थरूर, और सलमान खुर्शीद ने सरकार के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि भारत की सुरक्षा पर सभी एकजुट हैं। हालांकि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने संदेह भी जताया, जिस पर थरूर ने कहा, “वापसी के बाद बात होगी।”
  • सीएम भगवंत मान की आलोचना:
    पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अगर भारत ने जीत दर्ज की है, तो उसे प्रचार की ज़रूरत क्यों है? उन्होंने इस कूटनीतिक यात्रा को “दिखावा” करार दिया।
  • विदेश मंत्री की सक्रियता:
    एस. जयशंकर ने फ्रांस, जर्मनी, जापान, कतर और स्पेन के विदेश मंत्रियों से बात कर आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को साझा किया और समर्थन के लिए आभार जताया।

भारत-जर्मनी के रणनीतिक सहयोग पर फोकस

  • यह यात्रा अगली हाई डिफेंस कमेटी (HDC) बैठक से पहले हो रही है, जहां दोनों देश रक्षा तकनीक, संयुक्त अभ्यास, और सुरक्षा निर्यात पर चर्चा करेंगे।
  • इंडो-पैसिफिक में भी सहयोग को लेकर दोनों देशों में सहमति बनी है — जैसे को-डेवलपमेंट, जॉइंट रिसर्च, और रणनीतिक साझेदारी का विस्तार।

यह प्रतिनिधिमंडल – जिसमें सभी प्रमुख राजनीतिक विचारधाराओं के नेता शामिल हैं – आतंकवाद के खिलाफ भारत के स्पष्ट और मजबूत संदेश को पूरी दुनिया तक पहुंचा रहा है। जर्मनी और डेनमार्क में हुई घटनाएं और विपक्ष की प्रतिक्रियाएं इस बात को सिद्ध करती हैं कि भारत इस लड़ाई में एकजुट है — चाहे मंच कोई भी हो।