शनिवार रात तमिलनाडु के चिट्टेरी रेलवे स्टेशन पर एक पैसेंजर ट्रेन में अचानक हुए शोर से यात्रियों में हड़कंप मच गया। लेकिन राहत की बात यह रही कि लोको पायलट की सतर्कता और रेलवे की पहले से की गई सावधानियों के चलते एक बड़ा हादसा टल गया।
घटना Arakkonam–Katpadi MEMU पैसेंजर ट्रेन (नंबर 66057) की है, जो जैसे ही चिट्टेरी स्टेशन से रवाना हुई, लोको पायलट ने एक तेज और असामान्य आवाज सुनी। बिना समय गंवाए, उन्होंने ट्रेन को तुरंत रोक दिया, जिससे आगे कोई दुर्घटना नहीं हुई।
शुरुआती खबरों में कहा जा रहा था कि ट्रेन के कुछ कोच पटरी से उतर गए हैं (derailment), और सोशल मीडिया पर ट्रैक के क्षतिग्रस्त होने की तस्वीरें भी वायरल हो गईं। लेकिन बाद में साउदर्न रेलवे ने साफ किया कि कोई भी कोच डिरेल नहीं हुआ है।
रेलवे के मुताबिक, यह घटना चिट्टेरी स्टेशन के ‘यार्ड रोड 1′ लूप लाइन पर हुई, जो पहले से ही मेंटेनेंस एरिया के रूप में चिन्हित है। यहां ट्रेन की स्पीड लिमिट सिर्फ 20 किलोमीटर प्रति घंटा है, ताकि किसी भी तकनीकी खराबी से निपटा जा सके।
जब लोको पायलट ने जांच की, तो ट्रैक पर वेल्डिंग वाली जगह में क्रैक (weld fracture) पाया गया। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह डिफेक्ट पहले से चिन्हित था और इसे जॉगल फिश प्लेट्स की मदद से पहले ही फिक्स कर दिया गया था।
ट्रेन करीब 1 घंटे तक रुकी रही, उसके बाद जब ट्रैक को सुरक्षित घोषित किया गया, तो ट्रेन उसी लाइन से आगे बढ़ गई। अच्छी बात ये रही कि किसी भी यात्री को चोट नहीं लगी और सभी लोग सुरक्षित रहे।
घटना के बाद सभी ट्रेन सेवाएं सामान्य हैं और कोई डेली रूटीन प्रभावित नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि चिट्टेरी स्टेशन पहले भी चर्चा में रह चुका है। 2011 में यहां एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ था, जिसमें 11 लोगों की मौत और 70 से ज्यादा घायल हुए थे। ऐसे में शनिवार रात की आवाज और हलचल ने यात्रियों में डर जरूर पैदा कर दिया, लेकिन इस बार लोको पायलट की सूझबूझ और रेलवे की तैयारी ने बड़ा खतरा टाल दिया।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि सुरक्षा नियमों का पालन, लोको पायलट की सजगता और मेंटेनेंस की सावधानी से कितने बड़े हादसे टाले जा सकते हैं। रेलवे ने समय रहते सही कदम उठाकर सैकड़ों यात्रियों की जान बचाई।