पुणे शहर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है। एक IT सेक्टर में काम करने वाली महिला ने कुछ दिन पहले पुलिस को शिकायत दी थी कि एक अजनबी डिलीवरी बॉय ने उसके घर में घुसकर उसके साथ रेप किया है। लेकिन अब इस केस में जो सच्चाई सामने आई है, वह पूरी कहानी को पलट देती है।
पुलिस जांच में पता चला है कि जिसे महिला ने आरोपी बताया था, वह कोई अनजान डिलीवरी बॉय नहीं बल्कि उसका पुराना दोस्त था, जिससे उसकी काफी समय से जान-पहचान थी। दोनों एक-दूसरे को कुछ सालों से जानते थे और पहले भी कई बार मिल चुके थे। उन्होंने घटना वाले दिन भी मिलने का प्लान खुद से ही किया था।
क्या था महिला का दावा?
महिला ने शुरू में पुलिस को बताया था कि:
- एक डिलीवरी बॉय बनकर आया शख्स जबरदस्ती उसके घर घुसा।
- उसने उसके साथ रेप किया और धमकी दी कि अगर पुलिस को बताया तो उसकी तस्वीरें इंटरनेट पर डाल देगा।
- उसने पीड़िता के फोन से एक सेल्फी खींची, जिसमें उसका चेहरा और पीड़िता की पीठ दिख रही थी।
- जाते-जाते आरोपी ने मोबाइल में मैसेज छोड़ा – “I’ll be back”
- महिला ने यह भी कहा कि आरोपी ने उसके चेहरे पर कोई केमिकल स्प्रे किया।
जांच में निकली सच्चाई क्या है?
जैसे-जैसे पुलिस ने जांच की, कई चौंकाने वाले सच सामने आए:
- आरोपी महिला का पुराना दोस्त निकला, जिससे वह पहले भी कई बार मिल चुकी थी।
- आरोपी ने कोई जबरदस्ती एंट्री नहीं की, बल्कि वह महिला के बुलाने पर ही घर आया था।
- वह सेल्फी खुद महिला ने खींची थी और फोन में जो धमकी वाला मैसेज था, वह भी उसी ने टाइप किया था।
- पुलिस ने साफ कहा कि कोई केमिकल स्प्रे नहीं किया गया था।
- महिला ने खुद कुबूल किया कि उसने गुस्से में आकर रेप की झूठी शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने क्या कहा?
पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इंटरव्यू में बताया,
“महिला ने बताया कि वह उस दिन सेक्स के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन दोस्त ने जबरदस्ती की। इस बात से गुस्सा होकर उसने पुलिस में रेप की शिकायत कर दी।”
उन्होंने आगे कहा कि महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं लग रही, इसलिए पुलिस पूरे मामले को बेहद सावधानी से देख रही है।
क्यों है ये मामला अहम?
- यह केस झूठी FIR, दोस्ती में दरार और मानसिक दबाव से जुड़े कई सवाल उठाता है।
- झूठी शिकायतें असली पीड़िताओं के लिए भी मुश्किलें खड़ी करती हैं।
- पुलिस के लिए यह केस एक सेंसिटिव सोशल और साइकोलॉजिकल इश्यू बन गया है।
पुणे का ये मामला सिर्फ एक पुलिस केस नहीं, बल्कि समाज में रिश्तों, भरोसे और मानसिक तनाव को लेकर एक सोचने वाली स्थिति पैदा करता है। पुलिस जांच जारी है, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने यह जरूर दिखा दिया कि सच और झूठ के बीच की रेखा कई बार बहुत धुंधली होती है।