पंजाब में 31 मई की शाम को बजेंगे सायरन, मॉक ड्रिल के लिए आ गए हैं नए ऑर्डर।

पंजाब में 31 मई को शाम 6 बजे ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत दूसरी बार नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल की जाएगी। यह अभ्यास नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 की धारा 19 के तहत केंद्र सरकार द्वारा पश्चिमी सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कराया जा रहा है।

इस मॉक ड्रिल में ब्लैकआउट किया जाएगा, यानी कुछ समय के लिए बिजली बंद की जाएगी। केवल जरूरी सेवाओं जैसे अस्पताल, पुलिस आदि को इससे छूट दी गई है। साथ ही संवेदनशील इलाकों में हवाई हमले के सायरन भी बजाए जाएंगे।

पहले यह अभ्यास 29 मई को होना था, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे एक दिन पहले ही रद्द कर दिया था। अब नए निर्देशों के अनुसार यह मॉक ड्रिल हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में 31 मई को आयोजित की जाएगी।

इससे पहले 7 मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था। इस अभ्यास में नागरिकों को हमले के दौरान स्वयं की रक्षा करने का प्रशिक्षण दिया गया। ऐसा युद्ध की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। इससे पहले देश में इस तरह की मॉक ड्रिल 1971 में आयोजित की गई थी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। उस समय यह मॉक ड्रिल युद्ध के दौरान आयोजित की गई थी।

ऑपरेशन शील्ड का उद्देश्य क्या है…

मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट के माध्यम से सरकार का लक्ष्य राज्य में आपातकालीन तैयारियों का परीक्षण करना और युद्ध या हवाई हमले की स्थिति में प्रतिक्रिया देने की क्षमता को बढ़ाना है।

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संकट के समय त्वरित और सटीक मदद उपलब्ध कराई जा सके तथा आम जनता, सुरक्षा बलों और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय बना रहे।

इस अभ्यास के दौरान, भविष्य के लिए कमियों की जांच की जाएगी और उनका समाधान किया जाएगा, जो हवाई या ड्रोन हमले के दौरान उत्पन्न होने वाली स्थिति के अनुरूप होगा।